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देवी

  • Writer: Raginee K
    Raginee K
  • Oct 11, 2024
  • 1 min read

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कोई भी झूठी कल्पनाओं और कहानियों में न फँसते हुए, अपनी ही हाथ से पानी पीने वाली, और सदसद्विवेकबुद्धि का उपयोग कर अपनी मर्जी से जीवन जीने वाली व्यक्ति ही असली देवी होती है।


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वह जो प्रकृति को समझती और जानती है। जो अपने श्वास को ही अपना जीवन साथी मानती है, वही देवी है। जिसे किसी भी परंपरा, रीति-रिवाज या वैचारिक बेड़ियों में बाँधा नहीं जा सकता। “सर्वं खल्विदं ब्रह्म” (सर्वत्र ब्रह्म है) इस विचार का प्रत्यक्ष अनुभव करने वाली वही देवी होती है।



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Muse : K Raginee Yogesh

Photo & words : Yogesh Kardile

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